Coronavirus को मात देने के लिए समूची CRPF उतरी मैदान में, लॉकडाउन के पालन में देगी सहयोग

 


Coronavirus को मात देने के लिए समूची CRPF उतरी मैदान में, लॉकडाउन के पालन में देगी सहयोग



सार



  • सीआरपीएफ की सभी 246 बटालियनें देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना से मुकाबले के लिए करेंगी काम

  • सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत मिले दस करोड़ रुपए

  • लॉकडाउन के नियमों का इस अवधि में सौ फीसदी पालन सुनिश्चित करने पर फोकस

  • विभिन्न राज्य एजेंसियों को मदद देगी सीआरपीएफ

  • आपात स्थिति का सामना करने के लिए सीआरपीएफ के अधिकतर सेंटर को क्वारंटीन केंद्रों में तब्दील

  • 11-सूत्री एक्शन प्लान पर होगा काम



 

विस्तार


देश का सबसे बड़ा केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआरपीएफ' भी अब कोरोना की लड़ाई में शामिल हो गया है। कोरोना को मात देने के लिए सीआरपीएफ की सभी 246 बटालियन मैदान में उतरी हैं। केंद्र सरकार ने इस फोर्स पर पूरा भरोसा जताते हुए सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत दस करोड़ रुपये दिए हैं।



 

इस राशि की मदद से सीआरपीएफ देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना से मुकाबले के लिए काम करेगी। लॉकडाउन के नियमों का इस अवधि में सौ फीसदी पालन सुनिश्चित हो, फोर्स इस बात का खास ध्यान रखेगी।
 
सीआरपीएफ के डीआईजी 'इंटेलिजेंस' एम. दिनाकरण के अनुसार, यह फोर्स देश के हर हिस्से में तैनात है। देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर डीजी डॉ. एपी महेश्वरी ने ये कदम बढ़ाया है। इस बाबत उन्होंने अपने वरिष्ठ कमांडरों के साथ बातचीत की है। इसमें तय हुआ कि सीआरपीएफ कोविद-19 के खतरे से निपटने में विभिन्न राज्य एजेंसियों को मदद देगी।



लॉकडाउन के सभी नियमों का पालन करते हुए कोरोना को मात देने का प्रयास होगा। लोगों को लॉकडाउन के बारे में जानकारी दी जाएगी। यदि किसी जगह पर सीआरपीएफ का कैंप है तो कोरोना की लड़ाई के दौरान उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

किसी भी तरह की आपात स्थिति का सामना करने के लिए सीआरपीएफ ने अपने अधिकांश सेंटरों को क्वारंटीन केंद्रों में तबदील कर दिया है। जोनल एडीजी/सेक्टर आईजी और जीसी/रेंज के डीआईजी बिना किसी देरी के लोगों की मदद करेंगे।


 



इस तरह की मदद देगी सीआरपीएफ



  • विभिन्न आवश्यकताओं के लिए परिवहन और रसद की सुविधा 

  • दवा एवं उपकरण आदि के भंडारण के लिए फोर्स परिसरों में जगह मुहैया कराना 

  • आवश्यक वस्तुएं, भोजन, दवाइयां और कोरोना की लड़ाई में काम आने वाले उपकरण आदि के वितरण में मदद देना 

  • राज्य सरकार की ऐसी टीमें जो कोरोना की लड़ाई में लगी हैं, उन्हें फोर्स के परिसरों में आवास सुविधा प्रदान करना 

  • यदि कहीं पर पेयजल या खाने पीने की सामग्री की किल्लत है तो वहां इन सामानों की सप्लाई सुनिश्चित करना 

  • कोरोना को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न जगहों पर दूसरे संगठनों के साथ मिलकर कार्यशाला आयोजित की जाएंगी  

  • निकटवर्ती जगहों पर ठहरे प्रवासी श्रमिकों और दूसरे जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाना 

  • यदि अपेक्षित हो तो लॉकडाउन के प्रवर्तन में स्थानीय प्रशासन की सहायता करना।

  • प्रवासी मजदूरों को राजमार्गों पर भोजन और बुनियादी चिकित्सा सेवा मुहैया कराना 

  • ट्विटर, एफबी, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम जैसे मौजूदा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर लोगों को जागरूक करना 

  • फोर्स अपने परिसर के आसपास के कुछ गांवों/मुहल्लों को गोद ले सकती है। लोगों को मास्क, सैनिटाइजर और कोरोना से बचाव के दूसरे उपकरण प्रदान किए जाएंगे

  • हर सेंटर पर एक नोडल अधिकारी तैनात रहेगा। वह यह सुनिश्चित करेगा कि उपरोक्त कर्तव्यों को पूरा करने के लिए जवान खुद सावधानी बरतें