कोविड-19: केरल में सबसे ज्यादा तो यूपी में कोरोना वायरस के लिए हुए सबसे कम टेस्ट
केरल में देश की केवल तीन प्रतिशत जनसंख्या रहती है लेकिन यहां कोरोना वायरस के लिए लगभग 7,000 टेस्ट हो चुके हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जहां देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या रहती है मगर वहां केवल 2,824 नमूनों की जांच हुई। इस संख्या से पता चलता है कि कुछ राज्यों में वायरस का प्रकोप ज्यादा तो कहीं कम हैं। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि मामले बढ़ सकते हैं लेकिन कम टेस्ट की वजह से वह अभी सामने नहीं आए हैं।
डाटा से पता चलता है कि ज्यादा आबादी वाले राज्यों जैसे कि बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, मध्यप्रदेश और ओडिशा में केरल की तुलना में कोविड-19 के कम परीक्षण हुए हैं। केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 3,480,00 वाली जनसंख्या वाले राज्य में सबसे अधिक टेस्ट हुए जिसके कारण यहां सबसे ज्यादा मामले सामने आए।
केरल में 6,690 टेस्ट हुए जो देश में सबसे ज्यादा है। राज्य में रैपिड टेस्ट करने का भी फैसला लिया गया है ताकि कोरोना वायरस के संभावित वाहक की पहचान हो सके। केरल ने रविवार तक 151 लोगों को घर में और 370 को शिक्षण संस्थान में क्वारांटाइन (एकांतवास) में रखा था।
केरल के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जनवरी में कोविड-19 का मामले का पता चलने के बाद सरकार ने अलापुझा में क्षेत्रीय वायरोलॉजी संस्थान में परीक्षण करवाने पर जोर दिया। यहां मध्य फरवरी से परीक्षण शुरू हुए और मार्च के अंत तक यहां तीन और लैब का परिचालन किया गया। जबकि अन्य राज्यों में केवल एक टेस्टिंग लैब है।
वहीं भारत के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में जहां 20 करोड़ (2011 की जनगणना के अनुसार) लोग रहते हैं केवल 2,284 टेस्ट हुए हैं। जिसमें से 2,171 नेगेटिव आए हैं। राज्य में आठ टेस्टिंग लैब हैं जिसमें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, एलएलआरएम मेडितल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी शामिल है। हालांकि राज्य में आने वाले समय में टेस्ट संख्या बढ़ सकती है।
पश्चिम बंगाल में 9,100,000 लोग रहते हैं। यहां कोविड-19 के लिए 389 टेस्ट हुए हैं जबकि एक की मौत हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर किट उपलब्ध न कराने का आरोप लगया है। वहीं रविवार को सराज्यपाल जगदीप धनखड़ ने दावा किया कि केंद्र ने राज्य में 10,000 कोरोना वायरस किट भेजी हैं।
बिहार में 9,000,000 मिलियन लोग रहते हैं। यहां कोविड-19 के 15 मामले सामने आए हैं और 792 टेस्ट हुए हैं। राज्य की राजधानी पटना में दो लैब हैं जिन्हें टेस्ट करने की अनुमति है। बिहार कोविड-19 की नोडल अधिकारी डॉक्टर रागिनी मिश्रा ने परीक्षणों की कम संख्या का बचाव करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में 7,260,000 लोग रहते हैं। यहां 28 मार्च तक एम्स भोपाल और एनआईआरटीएच जबलपुर में स्थित दो लैब में 525 परीक्षणों की जांच हुई है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली एक सामाजिक संस्था जन स्वाथ्य आरोग्य की निदेशक अमूल्य निधि ने कहा, 'अगर केरल जैसा छोटा राज्य रोजाना 500 लोगों का परीक्षण कर सकता है, तो यहां दिन कम से कम 1,000 व्यक्तियों का परीक्षण क्यों नहीं हो सकता। केरल में जहां 16 लैब हैं वहीं मध्यप्रदेश में केवल दो हैं।'