तेलंगाना: वित्तीय संकट को दूर करने के लिए अधिकारियों, मंत्रियों के वेतन में होगी कटौती

 


तेलंगाना: वित्तीय संकट को दूर करने के लिए अधिकारियों, मंत्रियों के वेतन में होगी कटौती


तेलंगाना सरकार ने सोमवार को अपने सभी कर्मचारियों, नौकरशाहों और जनप्रतिनिधियों के वेतन में भारी कटौती करने की घोषणा की है। यह कदम कोरोनोवायरस के कारण राज्य की वित्तीय स्थिति चरमराने की वजह से लिया गया है। वायरस ने अबतक राज्य के 77 लोगों को प्रभावित किया है।


 

वेतन में कटौती न्यूनतम 10 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 75 प्रतिशत तक की जाएगी। यह फैसला मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव द्वारा अपने कैंप कार्यालय प्रगति भवन में बुलाई गई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। जिसमें राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट साथियों, विधायकों, विधानसभा परिषद सदस्य, विभिन्न राज्य-स्तरीय निगमों के अध्यक्ष और शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के वेतन में 75 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में शामिल सभी भारतीय सेवा अधिकारियों के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

हालांकि इस बात की कोई स्पष्टता नहीं है कि वेतन में कटौती कब तक लागू रहेगी, सिवाय इसके कि मार्च के वेतन का भुगतान अप्रैल में किया जाएगा। शिक्षकों, राजपत्रित और अराजपत्रित कार्यालयों सहित राज्य सरकार के अन्य सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के मासिक वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती होगी।

बयान में कहा गया है चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों जैसे चपरासी, सफाईकर्मी और ड्राइवर, और आउटसोर्स और अनुबंध के कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। यहां तक की राज्य के सेवानिवृत्त लोगों को भी नहीं छोड़ा गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सभी श्रेणियों के पेंशन में 50 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

वहीं सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पेंशन में 10 प्रतिशत की कटौती होगी। बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के सभी उपक्रमों में काम करने वाले कर्मचारियों और सरकारी अनुदान से काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में भी इसी तरह की कटौती की जाएगी।